सफल रिश्तों के, यही उसूल हैं
बातें भूलिए, जो फिजूल हैं!
नींद से होती बोझल आंखो और बंद होती पलकों के बीच...
वो तेरे आने की जरा सी उम्मीद ही .....इश्क़ है!!!!!
प्रश्नोंकी होती है लम्बी कतार ,
इनसे बचकर रहने में' है सार ।।
वरना आस्तिकता की होती हार
नास्तिकता का आता है विकार ।।
अपनों से ही कभी हो जाते दो चार
मुफ्त में बढ़ जाती अपनों से तकरार ।।
खत्म होता फिजूल में दिलों का प्यार
बिन बुलाये मुसीबत आ जाती द्वार ।।
कीजिये ये सच्चाई ''धीर" अब स्वीकार,
रखिये दिल को दिल खुश सदाबहार ।।
दोस्त बनेंगे एक नही दो नही हजार
प्यार भी मिलेगा दुनिया से बेशुमार ।।
यू निगाहों से निगाहे न मिलाओ,,,
जरा सी शरारत हो गई तो महोब्बत हो जाएगी