एक युद्ध में, एक सैनिक अपने जख्मी दोस्त को अपने क्षेत्र में लाने की कोशिश कर रहा था।
उसके कप्तान ने कहा, “ वो अभी किसी काम का नहीं! तुम्हारे दोस्त को मरना होगा।”
लेकिन सैनिक फिर भी जाता है और अपने दोस्त को वापिस लेके आता है।
दोस्त का मृत शरीर देखकर, कप्तान कहता है, “मैंने तुमसे कहा था की अब यह किसी काम का नहीं, वह मर चूका है।”
तभी वह सैनिक नम आखो से जवाब देता है, “नहीं सर, यह मेरे लिए बहोत कीमती है……
जब मैंने उसे ढूंडा तब मेरे दोस्त ने मुझे देखा, मुस्कुराया और उसने अपने अंतिम शब्द कहे :
“मै जानता था की तुम जरुर आओगे”………….
ऐसी कीमती, सच्ची और मजबूत दोस्ती आज हमें बहोत कम देखने मिलती है….जीवन में सच्चे दोस्त, जब आपको उसकी जरुरत होती है तब हमेशा आपके साथ रहते है। दोस्ती की कई महान कहानिया हमें इतिहास में दिखाई देती है। कई लोगो ने दोस्ती में अपनी जान तक गवई है। कहा जाता है माता-पिता के बाद अगर कोई किसी को पास से जान सकता है तो वो “दोस्त” ही है।
जीवन में कई बार हम ऐसी मुश्किलों में फसे होते है, जिस समय हम किसी से सहायता नहीं ले सकते, उस समय दोस्त हमारी सहायता करता है। दोस्त वाही होता है जो हमारे दिल की बातो को जान लेता है। निश्चित ही अगर हमारा दोस्त हमारे साथ हो तो हम बड़े से बड़ी चुनौती को भी आसानी से पार कर सकते है।
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