उल्फत बदल गई, कभी नियत बदल गई
खुदगर्ज जब हुए, तो फिर सीरत बदल गई
अपना कुसूर, दूसरों के सर पर डाल कर
कुछ लोग सोचते हैं, हकीकत बदल गई..!!
तेरे बिना जीना सीख रहे हैं मगर
तेरी यादें दिल से नही जाती
तेरी यादों को जितना है भूलाते
उससे ज्यादा हैं आती
जरा सा भी नहीं पिघलता दिल तुम्हारा .....
इतना कीमती पत्थर कहां से खरीदा
खफा भी करते है वफा भी करते है
अपने प्यार को वो आंखो से बयां भी करते है
ना जाने कैसी नाराजगी है उनकी हमसे
हमें खोना भी चाहते है और पाने की दुआ भी करते है !!
हर मर्ज़ का इलाज नहीं दवाख़ाने में,
कुछ दर्द चले जाते है सिर्फ़ मुस्कुराने में !!
निगाहें नाज़ करती है …. फ़लक के आशियाने से…..
खुदा भी रूठ जाता है …..किसी का दिल दुखाने से……