ऋषि को चौदह साल की उम्र में ही पहला प्यार हो गया था| ऋषि उस समय आठवीं क्लास में था, उम्र कम थी लेकिन मॉर्डन ज़माने में लोग इसी उम्र में प्यार कर बैठते हैं|
ऋषि का ये पहला प्यार उसकी क्लास में पढ़ने वाली लड़की “नीलम” के साथ था| नीलम अमीर घराने की लड़की थी, उम्र यही कोई 13 -14 साल ही होगी और दिखने में बला की खूबसूरत थी| नीलम के पापा का प्रापर्टी डीलिंग का काम था, अच्छे पैसे वाले लोग थे|
ऋषि मन ही मन नीलम को दिल दे बैठा था लेकिन हमेशा कहने से डरता था| ऋषि के पिता एक स्कूल में अध्यापक थे| उनका परिवार भी सामान्य ही था इसीलिए डर से ऋषि कभी प्यार का इजहार नहीं करता था|
चलो इस प्यार के बहाने ऋषि की एक गन्दी आदत सुधर गयी| ऋषि आये दिन स्कूल ना जाने के नए नए बहाने बनाता था लेकिन आज कल टाइम से तैयार होके चुपचाप स्कूल चला आता था| माँ बाप सोचते बच्चा सुधर गया है लेकिन बेटे का दिल तो कहीं और अटक चुका था|
समय ऐसे ही बीतता गया…लेकिन ऋषि की कभी प्यार का इजहार करने की हिम्मत नहीं हुई बस चोरी छिपे ही नीलम को देखा करता था| हाँ कभी -कभी उन दोनों में बात भी होती थी लेकिन पढाई Read More
दो मित्र थे । वे बड़े ही बहादुर थे उनमे से एक ने अपने बादशाह के अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाई । बादशाह बहुत ही कठोर और बेरहम था जब उसे मालूम हुआ तो उसने उस नौजवान को फांसी पर लटका देने का आदेश दे दिया । नौजवान ने बादशाह को कहा आप जो कर रहे है वो ठीक है और मैं ख़ुशी ख़ुशी मौत के आगोश में चला जाऊंगा लेकिन आप मुझे थोड़ी मोहलत दीजिये कि मैं गांव जाकर अपने बच्चो से मिल आऊं । बादशाह ने कहा नहीं ऐसा नहीं हो सकता मुझे तुम पर भरोसा नहीं है तो उस नौजवान के मित्र ने कहा कि महाराज मैं इसकी जमानत देता हूँ अगर ये लौट कर नहीं आये तो इसकी जगह मुझे फांसी दे दीजियेगा तो बादशाह हैरान रह गया क्योकि अब तक उसने ऐसा कोई आदमी नहीं देखा था जो दूसरो के लिए अपनी जान देने को तैयार हो तो बादशाह ने उसे गांव जाने की सहमति दे दी और उसे छह घंटे का टाइम दिया गया ।
नौजवान चला गया और उसने देखा कि उसे लौटने में पांच घंटे का समय लगेगा और वो आराम से जाकर आ सकता है अपने बच्चो से मिलकर लौटते समय रस्ते में उसका घोडा ठोकर खाकर गिर गया और फिर उठा ही नहीं और उस नौजवान को भी चोट आई और इसी वजह से उसे आने में देरी हो
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एक गरीब लड़का एक अमीर आदमी की बेटी से प्यार करता था. एक दिन उसने हिम्मत करके अपने दिल की बात उस लड़की को बता दी. उस लड़की को अपने पिता के पैसों पर बड़ा घमंड था. वह बोली, “देखो! मेरा रोज़ का खर्च तुम्हारी एक महीने की सैलरी से भी ज्यादा है. मैं तुमसे कैसे प्यार कर सकती हूँ? तुमने ऐसा सोच कैसे लिया? मैं तुम्हें कभी प्यार नहीं करूंगी. इसलिए बेहतर होगा कि तुम मुझे भूल जाओ और अपने लेवल की किसी लड़की से शादी कर लो.”
वह लड़का उस लड़की को भुला नहीं पाया. १० साल गुज़र गए. एक दिन अचानक वह उसी लड़की से एक शॉपिंग मॉल में टकरा गया. लड़की उसे देखते ही पहचान गई और उसे १० साल पहले की घटना याद आ गई. उस पर अब भी पैसे का गुरुर सवार था. फिर से उस लड़के को नीचा दिखने के लिए वह बोली, “हे तुम! कैसे हो? मैंने शादी कर ली है और तुम्हें पता है मेरे पति की सैलरी कितनी हैं? ५ लाख रुपये प्रति माह. क्या तुम कभी इतना कमा सकते हो?”
इतने सालों बाद भी उस लड़की के वैसे ही व्यंग्यपूर्ण शब्द सुनकर उस लड़के की आँखें आँसुओं से भीग गई.
कुछ ही पलों में उस लड़की का पति वहाँ आ गया. इससे पहले कि वह कुछ कह पाती, उस लड़के को देख उस Read More
सुबह के ८:३० बजे थे. ठीक उसी समय लगभग ८० वर्ष के एक वृद्ध व्यक्ति ने अस्पताल में कदम रखा. वह जल्दी में लग रहा था.
उसकी हड़बड़ी देख अपनी नाईट शिफ्ट ख़त्म कर वापसी लौट रही एक नर्स ने जिज्ञासावश पूछ लिया, “सर, क्या आपका किसी डॉक्टर से अपॉइंटमेंट है?”
वृद्ध व्यक्ति ने उत्तर दिया, “नहीं सिस्टर! मैं तो यहाँ अपनी पत्नि से मिलने आया हूँ. उसे अल्झाइमर है और वह यहाँ भर्ती है. ९ बजे मुझे उसके साथ नाश्ता करना है.”
“ओह, तो क्या आपके देर से पहुँचने पर वो नाराज़ हो जायेंगी.”
“नहीं, उसने तो मुझे पिछले ५ सालों से पहचाना ही नहीं है.” वृद्ध की आँखों में उसके ह्रदय में उठ रही टीस की झलक थी.
“इसके बाद भी आप उनसे मिलने रोज़ यहाँ आते है, जबकि वह ये भी नहीं जानती कि आप कौन है.”
वृद्ध ने मुस्कुराते हुए उत्तर दिया, “तो क्या हुआ? मैं तो जानता हूँ कि वो कौन है.”
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