पल पल से बनता है एहसास,एहसास से बनता है विश्वास,विश्वास से बनते हैं कुछ रिश्ते,और उन रिश्तों से बनता है कोई खास।
तहज़ीब में भी उसकी क्या ख़ूब अदा थी यारो....
नमक भी उसने अदा किया तो ज़ख़्मों पर छिड़क कर...!!!
ख़ुशी जल्दी में थी रुकी नहीं,
ग़म फुरसत में थे - ठहर गए...!